हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है. – महात्मा गांधी हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है. उसे हम सबको अपनाना है.– लालबहादुर शास्त्री जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। – देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद अगर उर्दूवालों की नीति हिन्दी के बहिष्कार की न होती तो आज लिपि ...