भगवान परशुराम की कथा | Story of Lord Parshuram in Hindi
भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। उनका जन्म ब्राह्मण ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। वे एक महान योद्धा, ब्रह्मज्ञानी और पराक्रमी पुरुष थे। उन्होंने अत्याचारी क्षत्रियों का संहार कर धर्म की रक्षा की थी। परशुराम जी चिरंजीवी (अमर) माने जाते हैं और यह भी मान्यता है कि वे कलियुग के अंत में भगवान कल्कि को युद्ध विद्या सिखाएंगे।

परशुराम जयंती का महत्व | Importance of Parshuram Jayanti
परशुराम जयंती का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इस दिन परशुराम जी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। साथ ही, शस्त्र विद्या और ज्ञान की प्राप्ति के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
परशुराम जयंती की पूजा विधि | Rituals of Parshuram Jayanti
जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ा है, तब-तब भगवान परशुराम जैसे अवतारों ने जन्म लिया है।
- प्रातःकाल स्नान कर व्रत रखने का संकल्प लें।
- भगवान परशुराम की प्रतिमा या चित्र पर पुष्प, चंदन और धूप-दीप से पूजा करें।
- तुलसी के पत्तों से भोग अर्पित करें।
- परशुराम स्तोत्र या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-पुण्य करें।
परशुराम जयंती 2025 के लिए शुभकामना संदेश | Parshuram Jayanti 2025 Wishes in Hindi
धर्म की रक्षा और अधर्म का विनाश ही परशुराम जी का संकल्प था – जय परशुराम!
- भगवान परशुराम की कृपा आप पर सदैव बनी रहे, परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
- अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करने वाले परशुराम जी से प्रेरणा लें, जय परशुराम!

- शस्त्र और शास्त्र दोनों के ज्ञाता भगवान परशुराम को शत-शत नमन, परशुराम जयंती की शुभकामनाएं।
- जो अन्याय के विरुद्ध खड़े हों, वे सच्चे परशुराम हैं – परशुराम जयंती पर यही प्रेरणा लें।
- परशुराम जी का आशीर्वाद आपके जीवन में खुशियां और सफलता लेकर आए – शुभ परशुराम जयंती।
परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया का संयोग
कर्म से ब्राह्मण, शस्त्र से क्षत्रिय – यही है परशुराम की पहचान।
परशुराम जयंती के दिन ही अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है, जिसे शुभ और कल्याणकारी दिन माना जाता है। इस दिन किया गया कोई भी कार्य – जैसे दान, पुण्य, निवेश या विवाह – स्थायी फलदायक होता है।
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